( DIL KI BATYE EP=3
कुछ लोगों की तरक्की देखकर चाहत ऐसी होती है!
काश मैं भी इसी तरह आगे बढ़ पाता हर वक्त को देखकर अंदर ही अंदर से रोना यार मैं उसकी जगह क्यों नहीं हूं!
यह हमारी सबसे बड़ी बेवकूफी है क्योंकि अगर हम सिर्फ उसको देख कर ही अंदर अंदर यह सोचते रहेंगे कि आज हम उस की तरह क्यों नहीं है तो जाहिर सी बात है कि आप सारा दिन टूटे गा ही!
जितना टाइम हम उसको देख कर रोते हैं और सोचते हैं यार मैं उसकी तरह क्यों नहीं हूं! मैं उस जगह पर क्यों नहीं!
तो इस पागलपन को दूर कर कर हमें सिर्फ अपने मन में यही लक्ष्य बनाना है कि अब हमें भी कुछ अलग करना है हमें भी ऊपर उड़ान भरनी है!
Meri ek bat yad rakhna ( कभी किसी को,, अपना idol मत बनाओ ऐसा बनो कि लोग तुम्हें अपना idol बनाएं)
Writer - SAKSHAM GAIROLA
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